पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अमेरिकी क्रिप्टोकरेंसी रिजर्व स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य डिजिटल संपत्तियों को देश की वित्तीय रूपरेखा में एकीकृत करना है। रिजर्व पारंपरिक मुद्रा भंडार की तरह कार्य करेगा, लेकिन इसका ध्यान क्रिप्टोकरेंसी पर होगा।
समर्थकों का मानना है कि यह कदम क्रिप्टोकरेंसी को वैधता प्रदान करेगा और वित्तीय क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा। हालांकि, आलोचकों को नियामक जटिलताओं और डिजिटल मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता संबंधी जोखिमों की चिंता है।
यदि इसे लागू किया जाता है, तो अमेरिकी क्रिप्टोकरेंसी रिजर्व वैश्विक वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर सकता है। यह अन्य देशों को इसी तरह की रणनीतियों पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक नीतियों में बदलाव हो सकता है।